क्रिकेट में एक और बदलाव, सभी फॉर्मेट में होंगे अलग-अलग कोच!

क्रिकेट में एक और बदलाव, सभी फॉर्मेट में होंगे अलग-अलग कोच!

डैरेन लीमैन (Darren Lehmann) ने कहा क‍ि प्रारूपों के अनुसार जिम्मेदारी बांटने से कोच अधिक समय तक काम कर पाएंगे.

क्रिकेट में एक और बदलाव, सभी फॉर्मेट में होंगे अलग-अलग कोच!

लंदन. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच डैरेन लीमैन (Darren Lehmann) का मानना है कि अलग-अलग प्रारूपों में अलग कोच भारतीय क्रिकेट और पूरी दुनिया का भविष्य है क्योंकि काम और परिवार के बीच संतुलन बनाना मुश्किल होता जा रहा है. लीमैन ने कहा कि प्रारूपों के अनुसार जिम्मेदारी बांटने से कोच अधिक समय तक काम कर पाएंगे.
इंग्लैंड की विश्व कप विजेता टीम के कोच ट्रेवर बेलिस के साथ बीबीसी के कार्यक्रम ‘टफर्स एंड वॉन शो’ में लीमैन ने कहा कि परिवार से साल भर में छह महीने से अधिक समय तक दूर रहने से कोच पर काफी दबाव बनता है. लीमैन ने कहा कि मुझे लगता है कि अलग-अलग प्रारूपों में अलग कोच भारत और यहां का भविष्य है. आप साल में 200 दिन दूर नहीं रह सकते. यह परिवार पर काफी दबाव है और एकमात्र कोच पर भी काफी दबाव रहता है.

भूमिका बांटना जरूरी
उन्होंने कहा कि अगर आपको लंबे समय तक कोचों की सेवाएं लेनी हैं तो आपको भूमिका बांटनी होगी. इस महीने की शुरुआत में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने भी कहा था कि भारत के लिए दो अलग कोचों की नियुक्ति शायद बेहतर होगी. लीमैन ने सुझाव दिया कि प्रारूप के आधार पर जिम्मेदारी को बांटा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह सफेद गेंद या लाल गेंद का क्रिकेट हो सकता है. आपको देखना होगा कि यह कैसे काम करता है.



यह पूछने पर कि मौजूदा खिलाड़ियों में कौन अच्छा कोच बन सकता है, बेलिस ने इंग्लैंड के सीमित ओवरों के कप्तान ऑयन मोर्गन (Eoin Morgan) को चुना, जबकि लीमैन ने हमवतन और सनराइजर्स हैदराबाद के सहायक कोच ब्रेड हैडन का नाम लिया. पिछली गर्मियों में पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप खिताब के दौरान इंग्लैंड का मार्गदर्शन करने से पहले श्रीलंका को भी कोचिंग दे चुके बेलिस ने कहा कि वह दोबारा अंतरराष्ट्रीय टीम को कोचिंग नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि मैं साल भर में काफी समय अपने परिवार से अलग रहता हूं और कुछ समय बाद इसका असर दिखता है. बेलिस ने कहा कि मैंने अपने मौके का फायदा उठाया और उम्मीद करता हूं कि कोई और भी मेरे जितना भाग्यशाली होगा.

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