बस पर संग्राम: बसें लेकर नोएडा पहुंचे कांग्रेस नेता, लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में कई के खिलाफ FIR
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार और कांग्रेस (Congress) के बीच प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेजने के लिए बस की व्यवस्था को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है.

नोएडा. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार और कांग्रेस (Congress) के बीच प्रवासी श्रमिकों (Migrant Workers) को उनके घर भेजने के लिए बस की व्यवस्था को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. कई दौर की पत्राचार के बाद बुधवार को कई कांग्रेस नेता कार्यकर्ताओं के साथ तकरीबन 100 बसें लेकर नोएडा (Noida) पहुंच गए. इस पर स्थानीय पुलिस ने कांग्रेस नेता पंकज मलिक समेत 20 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस ने इन सभी पर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने बताया कि दो बसों के पास उचित दस्तावेज न होने पर उन्हें सीज भी कर लिया गया है. दूसरी तरफ, इस पूरे मामले में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी पर राजनीतिक करने का आरोप लगा रही है.
इस मामले में गौतमबुद्धनगर के एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि मंगलवार को जानकारी मिली कि किसी राजनीतिक दल से संबंध रखने वाले करीब 50 से 60 लोग एक्सप्रेसवे पर खड़े हैं. इस दौरान उन्होंने धारा-144 और लॉकडाउन का उल्लंघन किया. इस मामले में करीब 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुयी है. उन्होंने यह भी बताया कि वहां कुछ बसें भी खड़ी थी. आरटीओ ऑफिस की टीम ने इन बसों की जांच की और 2 बसों को सीज किया. अधिकारियों ने ये बसें इसलिए सीज की क्योंकि वो डिफॉल्टर थीं.
कांग्रेस नेता का दावा- तीन दिन में खर्च हुये चार करोड़ से ज्यादाइससे पहले AICC के सचिव रोहित चौधरी ने कहा था कि तीन दिन से 1 हज़ार बसें खड़ी हैं. इन बसों के एक दिन का किराया 16 हज़ार रुपये है. इस हिसाब से 1000 बसों का एक दिन का किराया 1 करोड़ 60 लाख रुपये हुआ. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इन तीन दिनों में 4 करोड़ 80 लाख खर्च कर दिया. लेकिन अब तक एक भी मज़दूर को घर जाने नहीं दिया गया है.
इस मामले में गौतमबुद्धनगर के एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि मंगलवार को जानकारी मिली कि किसी राजनीतिक दल से संबंध रखने वाले करीब 50 से 60 लोग एक्सप्रेसवे पर खड़े हैं. इस दौरान उन्होंने धारा-144 और लॉकडाउन का उल्लंघन किया. इस मामले में करीब 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुयी है. उन्होंने यह भी बताया कि वहां कुछ बसें भी खड़ी थी. आरटीओ ऑफिस की टीम ने इन बसों की जांच की और 2 बसों को सीज किया. अधिकारियों ने ये बसें इसलिए सीज की क्योंकि वो डिफॉल्टर थीं.
Some buses were also parked near them, Regional Transport Office (RTO) team checked & seized 2 of the buses as they were defaulters: Ranvijay Singh, ADCP Gautam Buddha Naga twitter.com/ANINewsUP/stat…
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कांग्रेस नेता का दावा- तीन दिन में खर्च हुये चार करोड़ से ज्यादाइससे पहले AICC के सचिव रोहित चौधरी ने कहा था कि तीन दिन से 1 हज़ार बसें खड़ी हैं. इन बसों के एक दिन का किराया 16 हज़ार रुपये है. इस हिसाब से 1000 बसों का एक दिन का किराया 1 करोड़ 60 लाख रुपये हुआ. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इन तीन दिनों में 4 करोड़ 80 लाख खर्च कर दिया. लेकिन अब तक एक भी मज़दूर को घर जाने नहीं दिया गया है.


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