पाकिस्तान: कट्टरपंथी मौलानाओं के आगे झुके इमरान, मस्जिदों में पांच वक़्त नमाज़ शुरू
इमरान खान (Imran Khan) एक बार फिर कमज़ोर प्रधानमंत्री साबित होते नज़र आ रहे हैं. कट्टरपंथी मौलानाओं के दबाव में आकर पहले ही मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज़ की अनुमति दे चुके इमरान ने अब हर दिन मस्जिद में पांच वक़्त नमाज़ की भी अनुमति दे दी है.

इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) में इमरान खान (Imran Khan) एक बार फिर कमज़ोर प्रधानमंत्री साबित होते नज़र आ रहे हैं. कट्टरपंथी मौलानाओं के दबाव में आकर पहले ही मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज़ की अनुमति दे चुके इमरान ने अब हर दिन मस्जिद में पांच वक़्त नमाज़ की भी अनुमति दे दी है. सिंध (Sindh) के बाद पंजाब (Punjab) प्रांत ने भी ऐलान कर दिया है कि धर्मस्थलों को पूरी तरह खोल दिया जाएगा. हालांकि कई ऐसी रिपोर्ट्स सामने आयीं हैं जिनके मुताबिक लोग नियमों का उल्लंघन कर पहले ही मस्जिदों में नमाज़ पढ़ना शुरू कर चुके हैं. बता दें कि सिंध और पंजाब में ही कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं.
बीते सोमवार को ही मौलानाओं के एक दल ने प्रधानमंत्री इमरान खान को जल्द से जल्द मस्जिदों में पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ने की इजाजत देने के लिए कहा था. इन मौलानाओं ने इमरान से कहा था कि लॉकडाउन के चलते इबादत पर रोक लगाकर नहीं रखी जा सकती है. ईद के मौके पर तो ऐसा बिलकुल भी मुमकिन नहीं है. हालांकि मौलानाओं का ये दल इस बात पर राजी है कि सरकार की तरफ से सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जो दिशा-निर्देश दिए जाएंगे उनका पालन किया जाएगा.
डॉन के मुताबिक इन मौलानाओं और उलेमाओं की बैठक कराची के जामिया दार-उल-उलूम में हुई थी जहां ये निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया कि मस्जिदों में पांच वक़्त की नमाज़ शुरू करने की जरूरत है. मुफ़्ती तकी उस्मानी ने इस मीटिंग के बाद कहा- हम लोगों से रमजान के इन आखिरी दिनों में मस्जिदों में जाकर इबादत करने की अपील करते हैं. ये अलाल्ह से दुआएं मांगने और उसका शुक्रिया अदा करने का वक़्त है. ये सही वक़्त है जब मस्जिदों में पांच वक़्त की नमाज़ फिर से शुरू कर दीं जाएं.
पंजाब सरकार जल्द खोलेगी, सिंध भी राजी
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार लॉकडाउन की पाबंदियों में छूट देने के बाद लोगों के लिये धर्मस्थलों को खोलेगी. हालांकि देश में कोरोना वायरस महामारी से 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के मुताबिक एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान प्रांत में 544 धर्मस्थलों को खोलने का प्रस्ताव और इस कार्य के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पेश की गई. धर्म स्थलों का प्रबंधन देखने वाला औकाफ विभाग भी इस बात पर जोर दे रहा है कि धर्म स्थलों को खोला जाना चाहिए क्योंकि उनके बंद रहने से भारी वित्तीय नुकसान हुआ है.
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने प्रांतीय सरकार को लॉकडाउन के दौरान धर्मस्थलों पर श्रद्धालुओं के आने पर लगी पाबंदी हटाने का सुझाव भेजा था. धर्मस्थलों में एसओपी को लागू करने लिये कदम उठाने का बैठक में फैसला लिया गया. उम्मीद है कि ईद के बाद एसओपी जारी कर दी जाएगी. ईद के त्योहार पर सिनेमा हॉल और थियेटर खोलने की एक सिफारिश की भी समीक्षा की गई हालांकि यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. इस बीच, पाकिस्तान में गुरूवार को कोविड-19 के 2,193 नये मामले सामने आये, इसके साथ ही देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 48,091 हो गये। वहीं, इस महामारी से अब तक 1,017 लोगों की मौत भी हुई है.
बीते सोमवार को ही मौलानाओं के एक दल ने प्रधानमंत्री इमरान खान को जल्द से जल्द मस्जिदों में पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ने की इजाजत देने के लिए कहा था. इन मौलानाओं ने इमरान से कहा था कि लॉकडाउन के चलते इबादत पर रोक लगाकर नहीं रखी जा सकती है. ईद के मौके पर तो ऐसा बिलकुल भी मुमकिन नहीं है. हालांकि मौलानाओं का ये दल इस बात पर राजी है कि सरकार की तरफ से सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जो दिशा-निर्देश दिए जाएंगे उनका पालन किया जाएगा.
डॉन के मुताबिक इन मौलानाओं और उलेमाओं की बैठक कराची के जामिया दार-उल-उलूम में हुई थी जहां ये निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया कि मस्जिदों में पांच वक़्त की नमाज़ शुरू करने की जरूरत है. मुफ़्ती तकी उस्मानी ने इस मीटिंग के बाद कहा- हम लोगों से रमजान के इन आखिरी दिनों में मस्जिदों में जाकर इबादत करने की अपील करते हैं. ये अलाल्ह से दुआएं मांगने और उसका शुक्रिया अदा करने का वक़्त है. ये सही वक़्त है जब मस्जिदों में पांच वक़्त की नमाज़ फिर से शुरू कर दीं जाएं.
पंजाब सरकार जल्द खोलेगी, सिंध भी राजी
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार लॉकडाउन की पाबंदियों में छूट देने के बाद लोगों के लिये धर्मस्थलों को खोलेगी. हालांकि देश में कोरोना वायरस महामारी से 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के मुताबिक एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान प्रांत में 544 धर्मस्थलों को खोलने का प्रस्ताव और इस कार्य के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पेश की गई. धर्म स्थलों का प्रबंधन देखने वाला औकाफ विभाग भी इस बात पर जोर दे रहा है कि धर्म स्थलों को खोला जाना चाहिए क्योंकि उनके बंद रहने से भारी वित्तीय नुकसान हुआ है.
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने प्रांतीय सरकार को लॉकडाउन के दौरान धर्मस्थलों पर श्रद्धालुओं के आने पर लगी पाबंदी हटाने का सुझाव भेजा था. धर्मस्थलों में एसओपी को लागू करने लिये कदम उठाने का बैठक में फैसला लिया गया. उम्मीद है कि ईद के बाद एसओपी जारी कर दी जाएगी. ईद के त्योहार पर सिनेमा हॉल और थियेटर खोलने की एक सिफारिश की भी समीक्षा की गई हालांकि यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. इस बीच, पाकिस्तान में गुरूवार को कोविड-19 के 2,193 नये मामले सामने आये, इसके साथ ही देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 48,091 हो गये। वहीं, इस महामारी से अब तक 1,017 लोगों की मौत भी हुई है.
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