ऑटो में एक पैसेंजर बैठने के फरमान से नाराजगी, कहा- मां और बच्चा अलग-अलग गाड़ी से कैसे जा सकते हैं?

ऑटो में एक पैसेंजर बैठने के फरमान से नाराजगी, कहा- मां और बच्चा अलग-अलग गाड़ी से कैसे जा सकते हैं?

सड़कों पर ऑटो (Auto) और टैक्सियों के अलावा 2,000 बसें चली, लेकिन इनमें सीमित संख्या में सवारियों ने यात्रा की, क्योंकि कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए खास तरह की गाइडलाइन्स बनाई गई हैं.

ऑटो में एक पैसेंजर बैठने के फरमान से नाराजगी, कहा- मां और बच्चा अलग-अलग गाड़ी से कैसे जा सकते हैं?

नई दिल्ली. देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में करीब दो महीने बाद मंगलवार को सार्वजनिक परिवहन सेवा बहाल हो गई. सड़कों पर ऑटो (Auto) और टैक्सियों के अलावा 2,000 बसें चली, लेकिन इनमें सीमित संख्या में सवारियों ने यात्रा की, क्योंकि कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए खास तरह की गाइडलाइन्स बनाई गई हैं. सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करने  से पहले सवारियों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही गाड़ी के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing)  का पालन करना होगा. इसके अलावा सीमित संख्या में यात्रियों को बैठाने की अनुमति दी गई है.

वहीं, बात यदि ऑटो सेवा की करें तो दिल्ली सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऑटो-रिक्शा से एक समय में केवल एक ही यात्री को यात्रा करने की अनुमति है. ऐसे में यदि मां को अपने बच्चे के साथ जाना होगा तो उन्हें दो अलग-अलग ऑटो रिजर्व करने होंगे. हालांकि, ऑटो-रिक्शा को लेकर जारी इस गाइडलाइन्स से यात्रियों की बीच कुछ नाराजगी भी है. एक महिला यात्री ने बताया कि यह कैसे संभव है कि मैं एक ऑटो ले लूं और बच्चे के लिए अलग से दूसरी ऑटो लूं. क्या मां और बच्चा अलग- अलग गाड़ी में बैठकर सफर करेंगे?
मंगलवार को 2,000 से अधिक बसें सड़कों पर उतरींवहीं, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि सार्वजनिक परिवहन को बहाल करने के संबंध में विभाग सभी जरूरी सावधानी बरत रहा है. उन्होंने लोगों से मास्क पहनने और एक दूसरे से दूरी बनाए रखने के नियम का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है. गहलोत ने कहा कि मंगलवार को 2,000 से अधिक बसें सड़कों पर उतरीं. इसके अलावा करीब 1,400 बसें राजस्व और पुलिस विभाग के पास प्रवासियों को रेलवे स्टेशन पहुंचाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में ड्यूटी में सहयता के लिए हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बसों की संख्या और बढ़ेगी क्योंकि पड़ोसी राज्यों में रह रहे चालक ड्यूटी पर आएंगे. शहर में सार्वजनिक बसों की संख्या 6,500 है.

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