लद्दाख और सिक्किम सीमा पर भारतीय सेना की रणनीति देख चीन के छूटे पसीने
सीमा सड़क संगठन (BRO) का सड़क बनाने का काम रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम जगहों पर आ पहुंचा. जिसके चलते चीन (China) ने एक बार फिर नाराजगी दिखाई है.

नई दिल्ली. सिक्किम (sikkim) और लद्दाख के पास कई इलाकों में तनाव बढ़ता जा रहा है और दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) के पास अतिरिक्त बलों की तैनाती कर रहे हैं. भारत अपनी सीमा के अंदर ही चीन से टक्कर लेने के लिए कुछ रणनीतियां तैयार कर रहा है. जिसे देख चीन को दिक्कत होनी शुरू हो गई है. दरअसल दोनों पक्षों के बीच इन इलाकों में कुछ दिनों पहले ही दो बार हिंसक झड़प हो चुकी है.
कुछ दिनों पहले ही पता चला था कि चीन ने गलवान घाटी इलाके में काफी संख्या में तंबू गाड़े थे जिसके बाद से ही भारत वहां कड़ी नजर बनाए हुए है.
चीन के रुख में अचानक आक्रामकता उस समय आ गई जब सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का सड़क बनाने का काम रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम जगहों पर आ पहुंचा. दरअसल BRO ने 2018 में सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया था. इस प्रोजेक्ट के तहत 5 साल में करीब 3323 किमी लंबी 272 सड़कों का निर्माण करना था. ढाई साल में BRO ने 2304 किमी सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. अगर देखा जाए तो इनमें से 61 सड़क ऐसी हैं जो रणनीतिक दृष्टि से बहुत ही अहम हैं.
इन जगह पर सड़क निर्माण से है चीन को दिक्कत
दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड को लेकर चीन को हमेशा से ही दिक्कत रही है. सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों में गलवान नदी और पैगोंग सो झील के आसपास के चार इलाकों में निर्माण को लेकर विवाद हुआ. गलवान घाटी में चीन के सैनिक तैनात हैं. इन इलाकों में दोनों पक्षों की ओर से सीमा पर गश्त होती है.
पिछले हफ्ते चीन के सरकारी मीडिया ने खबर दी थी कि अक्साई चिन क्षेत्र की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने सीमा नियंत्रण के मजबूत उपाय किए हैं. सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने सेना के अज्ञात सूत्रों के हवाले से खबर दी, गलवान घाटी क्षेत्र में चीनी क्षेत्र में हाल में भारत द्वारा अवैध रक्षा निर्माण के बाद चीन ने यह कदम उठाया है.
कुछ दिनों पहले ही पता चला था कि चीन ने गलवान घाटी इलाके में काफी संख्या में तंबू गाड़े थे जिसके बाद से ही भारत वहां कड़ी नजर बनाए हुए है.
चीन के रुख में अचानक आक्रामकता उस समय आ गई जब सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का सड़क बनाने का काम रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम जगहों पर आ पहुंचा. दरअसल BRO ने 2018 में सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया था. इस प्रोजेक्ट के तहत 5 साल में करीब 3323 किमी लंबी 272 सड़कों का निर्माण करना था. ढाई साल में BRO ने 2304 किमी सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. अगर देखा जाए तो इनमें से 61 सड़क ऐसी हैं जो रणनीतिक दृष्टि से बहुत ही अहम हैं.
इन जगह पर सड़क निर्माण से है चीन को दिक्कत
दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड को लेकर चीन को हमेशा से ही दिक्कत रही है. सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों में गलवान नदी और पैगोंग सो झील के आसपास के चार इलाकों में निर्माण को लेकर विवाद हुआ. गलवान घाटी में चीन के सैनिक तैनात हैं. इन इलाकों में दोनों पक्षों की ओर से सीमा पर गश्त होती है.
पिछले हफ्ते चीन के सरकारी मीडिया ने खबर दी थी कि अक्साई चिन क्षेत्र की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने सीमा नियंत्रण के मजबूत उपाय किए हैं. सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने सेना के अज्ञात सूत्रों के हवाले से खबर दी, गलवान घाटी क्षेत्र में चीनी क्षेत्र में हाल में भारत द्वारा अवैध रक्षा निर्माण के बाद चीन ने यह कदम उठाया है.
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