काशी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को मिला 'मां गंगा' का आर्शीवाद, ऐसे हुए ठीक
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल के आंकड़े खुद इसकी तस्दीक करते हैं. वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा (Kaushal Raj sharma) खुद बनारसियों के इम्यूनिटी सिस्टम को देखकर हैरान है.

वाराणसी. कोरोना काल में एक बार फिर साबित हो गया कि मां गंगा जीवनदायिनी हैं. पूरा देश कोरोना (Coronavirus) के खात्मे की लड़ाई में जुटा हुआ है. इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (varanasi) में सुबह की कचौड़ी, जलेबी, दोपहर में ठंडई की ठसक और शाम को लिट्टी चोखा के बाद बनारसी चमचम को पसंद करने वाले बनारसी लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को देखकर सरकारी अमला भी हैरान है. अब तक कोरोना पॉजिटिव (corona positive) पाए गए मरीजों में से 80 अस्सी फीसदी मरीज हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा खाए बिना ही ठीक हो गए हैं. अधिकतर मरीज सिर्फ साधारण पैरासिटमोल और एंटीबायोटिक दवा खाकर ही निगेटिव हो गए. बनारस में अब कोरोना के 101 केस मिल चुके हैं, जिसमे 68 डिस्चार्ज होकर घर भी चले गए हैं.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल के आंकड़े खुद इसकी तस्दीक करते हैं. वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा खुद बनारसियों के इम्यूनिटी सिस्टम को देखकर हैरान है. डीएम ने न्यूज-18 से बातचीत में बताया कि बनारस में कोरोना पॉजीटिव पाए गए मरीजों में अस्सी फीसदी बिना हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा खाकर ही ठीक हो गए.
क्या है हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा
ये दवा मलेरिया के उपचार में दी जाती है. कभी कभी डाॅक्टर इसका प्रयोग आर्थराइट्स ठीक करने में भी करते हैं. अमेरिका सहित दुनिया के कई देश कोरोनो की जंग में भारत से इस दवा की मांग कर रहे हैं. कोरोना की जंग लड़ने के लिए बनारस में भी इस दवा का पर्याप्त भंडारण किया गया था. डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि मौजूदा वक्त में करीब 8 लाख गोली का भंडारण वाराणसी में है. बता दें जो कंपनी इस दवा की सप्लाई करती है, उसका बनारस में भी स्टोर है, जहां से पूरे पूर्वांचल में इस दवा की सप्लाई होती है.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल के आंकड़े खुद इसकी तस्दीक करते हैं. वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा खुद बनारसियों के इम्यूनिटी सिस्टम को देखकर हैरान है. डीएम ने न्यूज-18 से बातचीत में बताया कि बनारस में कोरोना पॉजीटिव पाए गए मरीजों में अस्सी फीसदी बिना हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा खाकर ही ठीक हो गए.
क्या है हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा
ये दवा मलेरिया के उपचार में दी जाती है. कभी कभी डाॅक्टर इसका प्रयोग आर्थराइट्स ठीक करने में भी करते हैं. अमेरिका सहित दुनिया के कई देश कोरोनो की जंग में भारत से इस दवा की मांग कर रहे हैं. कोरोना की जंग लड़ने के लिए बनारस में भी इस दवा का पर्याप्त भंडारण किया गया था. डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि मौजूदा वक्त में करीब 8 लाख गोली का भंडारण वाराणसी में है. बता दें जो कंपनी इस दवा की सप्लाई करती है, उसका बनारस में भी स्टोर है, जहां से पूरे पूर्वांचल में इस दवा की सप्लाई होती है.
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