हरियाणा पर भी मंडराया टिड्डी दल का खतरा, अधिकारियों को किसानों के संपर्क में रहने के आदेश

हरियाणा पर भी मंडराया टिड्डी दल का खतरा, अधिकारियों को किसानों के संपर्क में रहने के आदेश

कृषि मंत्री जेपी दलाल (JP Dalal) ने न्यूज 18 से बातचीत में बताया कि अधिकारियों से किसानों (Farmers) के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि अगर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान सही समय पर जानकारी दे देता तो टिड्डी दल के हमले से पहले ही इंतजाम किए जा सकते थे. लेकिन

हरियाणा पर भी मंडराया टिड्डी दल का खतरा, अधिकारियों को किसानों के संपर्क में रहने के आदेश


चंडीगढ़. हरियाणा में टिड्डी दल के हमले का खतरा बढ़ गया है. टिड्डी दल राजस्थान से सटी प्रदेश की सीमा से कुछ ही किलोमीटर दूर है. टिड्डी दल के हमले को देखते हुए हरियाणा सरकार हाई अलर्ट (High Alert) पर है. कृषि विभाग (Agriculture Depatment) ने राजस्थान से सटे जिलों में कृषि विभाग के अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा है. हरियाणा के सिरसा, भिवानी, फतेहाबाद, हिसार, महेंद्रगढ़, और दादरी जिलों में टिड्डी दल का हमला हो सकता है सरकार का कहना है कि टिड्डी दल को मारने के लिए पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक दवाएं उपलब्ध करवाई गई है.

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने न्यूज 18 से बातचीत में बताया कि अधिकारियों से किसानों के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि अगर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान सही समय पर जानकारी दे देता तो टिड्डी दल के हमले से पहले ही इंतजाम किए जा सकते थे. लेकिन हम अपनी तरफ से तमाम उपाय टिड्डी दल से बचने के लिए कर रहे हैं.

विपक्ष पर साधा निशाना

वहीं जेपी दलाल ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना पर विपक्ष के विरोध को हताशा बताया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं है, इसीलिए वह इस योजना का विरोध कर रहे हैं. जबकि इस योजना के तहत चिन्हित किए गए 8 ब्लॉक में कई किसानों को धान की बुवाई के लिए छूट भी दी गई है. हम लगातार किसानों के संपर्क में हैं और किसानों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी.



हरियाणा में 1993 में आया था टिड्डी दल

हरियाणा में तीन दशक में टिड्डी दल का बड़ा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन वर्ष 1993 में सिरसा जिले के राजस्थान से सटे इलाका में टिड्डी दल आया था. 1993 के सितंबर अक्टूबर माह में टिड्डी दल आया था. इससे आंशिक नुकसान हुआ था और तुरंत हवाई स्प्रे कर नियंत्रण किया था जबकि 1998 में भी मामूली टिड्डी दल आया था. इसके अलावा इस दौरान हिसार, भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी क्षेत्र में भी इस दशक के दौरान टिड्डी दल का आंशिक नुकसान हुआ था.

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