अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने में लगा है नॉर्थ कोरिया, किम जोंग उन ने ली मीटिंग

अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने में लगा है नॉर्थ कोरिया, किम जोंग उन ने ली मीटिंग

नॉर्थ कोरिया (North Korea) के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने अपने देश की परमाणु क्षमता को लेकर मिलिट्री की एक मीटिंग ली है.

अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने में लगा है नॉर्थ कोरिया, किम जोंग उन ने ली मीटिंग

प्योंगयोंग: नॉर्थ कोरिया (North Korea) अपनी परमाणु (Nuclear) क्षमता बढ़ाने में लगा है. इस बारे में नई पॉलिसी (Policy) को लेकर विचार चल रहा है. पिछले दिनों परमाणु क्षमता बढ़ाने को लेकर नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kin Jong Un) ने मिलिट्री की एक मीटिंग ली है. नॉर्थ कोरिया की स्टेट एजेंसी केसीएनए ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नॉर्थ कोरिया अपनी परमाणु निरोध क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रहा है. हालांकि इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि किस तरह के परमाणु निरोध पर विचार चल रहा है. रिपोर्ट में लिखा है कि मीटिंग में कुछ महत्वपूर्ण उपायों पर चर्चा चली है. इसमें कोरियन पीपल्स आर्मी की टुकड़ियों की मारक क्षमता बढ़ाने पर चर्चा हुई है.

नॉर्थ कोरिया ने अपनी सेना को अलर्ट कियाकेसीएनए ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि नॉर्थ कोरिया ने परमाणु युद्ध के हालात में बचाव के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने को लेकर नई पॉलिसी के बारे में विचार कर रहा है. इस बारे में मीटिंग में फैसला लिया गया है.



सेंट्रल मिलिट्री कमीशन की बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि आर्म्ड फोर्सेज को किसी भी ऑपरेशन के लिए हाई अलर्ट पर रखा जाए. देश की आर्मी के विकास की प्रक्रिया भी लगातार जारी रहेगी.

इस मीटिंग की तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि कहा जा रहा है कि अगर पिछले दिनों ये मीटिंग हुई है तो किम जोंग उन के करीब 3 हफ्तों तक गायब रहने के बाद ये पहली मीटिंग होगी.

अप्रैल महीने में किम जोंग उन की सेहत को लेकर कई तरह की अफवाह उड़ी थी. वो अपने ग्रैंडफादर की जन्म जयंती के मौके पर होने वाले सेलीब्रेशन से गायब रहे थे. इसके बाद हफ्तों तक उनका पता नहीं चला. इस बीच किम की हार्ट सर्जरी से लेकर उनकी मौत की खबरें तक मीडिया में आईं.

नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर डिसक्शन की रिपोर्ट उस वक्त आई है, जब शुक्रवार को वाशिंगटन पोस्ट ने अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की एक बैठक की जानकारी दी. बताया जा रहा है कि इस बैठक में 1992 के बाद अमेरिका ने परमाणु परीक्षण पर चर्चा की. इस रूस और चीन के लिए खतरे की बात बताई जा रही है.

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