अफगानिस्तान की लड़कियों ने कार पार्ट्स के जुगाड़ से बना दिया वेंटिलेटर

अफगानिस्तान की लड़कियों ने कार पार्ट्स के जुगाड़ से बना दिया वेंटिलेटर

अफगानिस्तान (Afghanistan) की लड़कियों की एक टीम ने कार पार्ट्स के जुगाड़ से वेंटिलेटर (ventilator) बनाने में कामयाबी पाई है.

अफगानिस्तान की लड़कियों ने कार पार्ट्स के जुगाड़ से बना दिया वेंटिलेटर

काबुल: कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर रोज नई जानकारी सामने आ रही है. इस कड़ी में अफगानिस्तान (Afghanistan) से एक दिलचस्प खबर सामने आई है. यहां कुछ लड़कियों ने मिलकर कार पार्ट्स (car parts) के जुगाड़ से वेंटिलेटर (ventilator) बना डाला है. ये सभी लड़कियां रोबोटिक्स की पढ़ाई कर रही हैं और एक टीम का हिस्सा हैं. इन्होंने कार पार्ट्स के जरिए किफायती वेंटिलेटर बनाने में कामयाबी पाई है.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन लड़कियों ने 2017 में भी सुर्खियां बटोरी थीं. उस वक्त उन्होंने अमेरिका में हुए एक प्रतियोगिता में जीत हासिल की थी. अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में इन्हें स्पेशल अवॉर्ड दिया गया था.

अब इन लड़कियों ने कार पार्ट्स से वेंटिलेटर बनाने का कारनामा कर दिखाया है. मई के आखिर तक ये लड़कियां वेंटिलेटर की सप्लाई शुरू कर देंगी. इनकी कीमत भी मार्केट प्राइस से काफी कम होगी.

अफगानिस्तान में वेंटिलेटर की काफी कमी है

अफगानिस्तान बरसों से जंग झेल रहा है. वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है. अफगानिस्तान में 3 करोड़ 89 लाख की आबादी पर सिर्फ 400 वेंटिलेटर्स हैं.

अफगानिस्तान में अब तक कोरोना वायरस के 7,650 मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते यहां 178 लोगों की जान गई है. हालांकि कहा जा रहा है कि वास्तविक आंकड़े इससे कहीं अधिक और कई गुना हो सकते हैं.

बीबीसी से बात करते हुए लड़कियों की टीम की एक सदस्य नाहिद रहिमी ने बताया है कि हमारे लिए ये बहुत महत्वरपूर्ण है कि अगर हम अपनी कोशिशों के चलते एक भी जान बचा पाएं.

अफगान ड्रीमर्स के नाम से मशहूर है लड़कियों की टीमअफगानिस्तान में लड़कियों की इस टीम को अफगान ड्रीमर्स के नाम से जाना जाता है. ये लड़कियां पश्चिमी प्रांत के हेरात इलाके से आती हैं. यहां वायरस संक्रमण का सबसे पहला मामला दर्ज हुआ था.

ये अफगानिस्तान में वायरस संक्रमण का केंद्र है. इरान के सीमा से लगने की वजह से यहां महामारी फैली है.

लड़कियों की टीम में सभी की उम्र 14 से 17 साल के बीच है. इन्होंने टोयोटा कोरोला के मोटर और होंडा मोटरसाइकिल के चेन ड्राइव के जरिए वेंटिलेटर का प्रोटोटाइप बनाया है.

इनका कहना है कि इनके वेंटिलेटर के जरिए सांस लेने में तकलीफ होने वाले मरीजों को टेम्पररी राहत मिलेगी, जब तक कि स्टैंडर्ड वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं हो जाता.

कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में वेंटिलेटर की कमी पड़ गई है. खासकर गरीब और विकासशील देशों के सामने सबसे बड़ी समस्या है. ताकतवर मुल्कों में वेंटिलेटर को लेकर जंग जैसी स्थिति बन पड़ी है. इसकी वजह से वेंटिलेटर की कीमतें भी बढ़ी हैं.

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