Fact Check: क्या होम्योपैथी की दवा 'कैमफोरा 1 एम' से कोरोना का इलाज या बचाव मुमकिन है?

Fact Check: क्या होम्योपैथी की दवा 'कैमफोरा 1 एम' से कोरोना का इलाज या बचाव मुमकिन है?


कोरोना (corona) से बुरी तरह से प्रभावित ईरान (Iran) में कई मरीजों को होम्योपैथी दवा (homeopathy medicine) दी गई. इन मरीजों की हालत में दूसरे संक्रमितों की अपेक्षा ज्यादा तेजी से सुधार देखा गया.



अब तक कोरोना का कोई पक्का इलाज (treatment of coronavirus) नहीं खोजा जा सका. दवाओं और वैक्सीन पर लगातार ट्रायल (trial on vaccine) चल रहे हैं. इस बीच एक भारतीय डॉक्टर राजन संकरन (Dr Rajan Sankaran) ने मांग की कि होम्योपैथी दवाओं (homeopathic medicine ) से भी इलाज करके देखा जाना चाहिए. कुछ वक्त बाद ही Central Drugs Standard Control Organisation ने इसे आजमाने को हां कर दी. अब कोरोना की अफरातफरी के बीच ये बात भी आ रही है कि कैमफोरा 1 एम (Camphora 1M) नाम की होम्योपैथी दवा से कोरोना से बचाव और इलाज भी मुमकिन है. जानिए, इस बात में कितनी सच्चाई है.

कैसे हुई शुरुआत
इसके शुरुआती दावे के पीछे बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज रहे हैं. उनका कहना है कि पुणे में 3 लाख लोगों को ये दवा दी गई और उनमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं. डॉ डॉक्टर राजन संकरन का हवाला देते हुए सीएनबीसी को उन्होंने बताया कि डॉ संकरन ने ईरान में अपने सहयोगी सलाह दी कि वो अपने मरीजों को होम्योपैथी दवा कैमफोरा दे. इसके सकारात्मक नतीजे आए और सारे ही मरीज जल्दी रिकवर हो गए.

आयुष मंत्रालय की अनुशंसा पर महाराष्ट्र पुलिस को भी ये होम्योपैथिक दवा दी गई है


पुलिस को दी जा रही दवाइसके तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पर ये दवा सुझाई जाने लगी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में CRPF के जवानों को भी ये कैम्फोरा 1 एम दवा दी जाने लगी. साथ ही इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए देसी नुस्खे जैसे हल्दी का सेवन जैसी सलाह दी जाने लगी. आयुष मंत्रालय की अनुशंसा पर महाराष्ट्र पुलिस को भी ये होम्योपैथिक दवा दी गई है. हालांकि द हिंदू की खबर के अनुसार पुलिस का मानना है कि ये दवा कोरोना का इलाज नहीं, बल्कि शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ाने के लिए है, जो कि कोरोना के मामले में जरूरी है.

क्या वाकई ये दवा काम करती है?
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के डायरेक्टर जनरल डॉ अनिल खुराना के मुताबिक कैमफोरा दवा वायरस के इलाज में किसी सह-औषधि की तरह दी जा सकती है. बूम के साथ अपने एक इंटरव्यू में वे बताते हैं कि दवा वास्तव में ईरान में कोरोना संक्रमितों को दी गई, जो खराब हालात में अस्पताल में थे. हालांकि होम्योपैथी की दवा के साथ उनका एंटीवायरस से इलाज भी चल रहा है. इसलिए मरीजों के स्वस्थ पर ये पक्का नहीं कहा जा सकता कि वे कैमफोरा दवा से ही ठीक हुए हैं. इसके अलावा चूंकि ये दवा बड़े ग्रुप पर भी नहीं आजमाई गई है इसलिए भी कोरोना के मामले में इसके असर पर पक्का नहीं कहा जा सकता.

कैमफोरा दवा वायरस के इलाज में किसी सह-औषधि की तरह दी जा सकती है


फिलहाल तक कोई दावा नहीं
1 मई को Central Drugs Standard Control Organisation ने इस बात पर हामी भरी कि वे कोरोना संदिग्धों जो क्वारंटाइन में हैं, उनपर होम्योपैथिक दवा आजमा सकते हैं और चेक कर सकते हैं कि इसका क्या असर होता है. इसके साथ ही आयुष मंत्रालय ने Arsenicum Album-30 नाम की दवा को कोरोना की preventive (रोग निवारक) दवा माना. तीन दिनों तक दवा की निश्चित मात्रा लगातार लेना और इसके महीनेभर बाद डोज दोहराना कोरोना से बचाव में मदद कर सकता है. हालांकि किसी ने भी ये दावा नहीं किया कि कैमफोरा एम या कोई भी होम्योपैथिक दवा फिलहाल कोरोना का इलाज करती दिख रही है. वायरस से बचाव के बारे में कुछ पक्का पता नहीं लग सका. वैसे होम्योपैथिक डॉक्टरों का मानना है कि ये दवाएं एंटीबॉडी तो नहीं बनातीं लेकिन शरीर में कोशिकाओं की इम्युनिटी बढ़ाती हैं. इससे अव्वल तो बीमारी का हमला नहीं होता, और हो भी तो मरीज जल्दी रिकवर कर जाता है.

खतरनाक भी हो सकता है इलाज
इसका एक दूसरा पक्ष भी है. एलोपैथिक डॉक्टरों के मुताबिक हल्के लक्षणों वाले कोरोना के मरीज खुद ही ठीक हो जाते हैं. ऐसे में अगर जांच के आधार पर उन्हें होम्योपैथिक दवा दी जाने लगे तो उनके ठीक होने पर लगेगा कि ये दवा का असर है. ये मान लेना आगे चलकर गंभीर मरीजों के लिए काफी खतरनाक हो सकता है. इसके अलावा चूंकि फिलहाल तक ये दवाएं मरीजों को एलोपैथिक इलाज के साथ-साथ दी जा रही हैं तो अलग से इसी दवा का असर पता लगाना भी मुमकिन नहीं.

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