सिक्किम, नागालैंड में कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ मिले, क्या अब कोई राज्य है, जहां नहीं है कोई कोविड केस?
भारत (India) में सोमवार दोपहर तक कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण से जुड़े आंकड़ों के मुताबिक 138,845 कुल कन्फर्म केस हैं जबकि 4,021 मौतें हो चुकी हैं. ऐसे में अगर आपको यह पता चले कि देश में अभी कोई राज्य है, जहां Covid 19 का एक भी केस अब तक नहीं है, तो? यही नहीं, अगर ऐसे राज्य एक से ज़्यादा हों तो?

देश भर में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और दिल्ली में कोरोना वायरस के सबसे ज़्यादा मामले देखे गए. पिछले 24 घंटों में करीब 7 हज़ार नए केस (New Cases) सामने आने की खबरें हैं, जो एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है. ऐसे में, जबकि लॉकडाउन (Lockdown) में ढील देने का सिलसिला शुरू हुआ है, उत्तर पूर्व (North East) में स्थिति काफी हद तक काबू में है. सिक्किम (Sikkim) में एक दिन पहले कोविड 19 का पहला और नागालैंड में अगर आज केस नहीं सामने न आए होते तो देश में अभी चार राज्य होते, जहां कोरोना की दस्तक नहीं है. विस्तार से जानिए.
अब तक नागालैंड में नहीं था कोई भी केस
ताज़ा खबरों के मुताबिक नागालैंड में आज सोमवार को ही तीन लोग कोविड पॉज़िटिव पाए गए. राज्य के स्वास्थ्य प्रमुख सचिव के हवाले से कहा गया है कि चेन्नई से लौटे दो पुरुषों और एक महिला में वायरस की पुष्टि हुई है. इन तीनों मरीज़ों में से दो में हल्के लक्षण हैं जबकि एक एसिम्प्टोमैटिक है. इन तीनों को उन टेस्ट में पॉज़िटिव पाया गया, जो कोहिमा में हाल ही बनी बीएसएल 2 लैब में किए गए.
ताज़ा खबरों के मुताबिक नागालैंड में आज सोमवार को ही तीन लोग कोविड पॉज़िटिव पाए गए. राज्य के स्वास्थ्य प्रमुख सचिव के हवाले से कहा गया है कि चेन्नई से लौटे दो पुरुषों और एक महिला में वायरस की पुष्टि हुई है. इन तीनों मरीज़ों में से दो में हल्के लक्षण हैं जबकि एक एसिम्प्टोमैटिक है. इन तीनों को उन टेस्ट में पॉज़िटिव पाया गया, जो कोहिमा में हाल ही बनी बीएसएल 2 लैब में किए गए.
आज से पहले क्यों नहीं था कोई केस?
यह बात तय है कि उत्तर पूर्व के इस राज्य ने कई कदम उठाते हुए असम के साथ सीमा को सील कर दिया था. साथ ही, उन लोगों को 10 हज़ार रुपये तक का इन्सेन्टिव देने की पहल की थी, जो देश के अन्य राज्यों से गृह राज्य नहीं लौट रहे थे. इसके बावजूद नागालैंड में अब तक कोई केस न पाए जाने की बड़ी वजह यह भी है कि पिछले हफ्ते तक राज्य में कोविड टेस्टिंग के लिए कोई लैब ही नहीं थी.
पहले एक केस आया तो था, लेकिन..?
नागालैंड के सबसे बड़े शहर दीमापुर में अप्रैल में एक व्यापारी को कथित तौर पर कोरोन संक्रमित पाया गया था, लेकिन उसे फौरन 280 किमी दूर गुवाहाटी के मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया था क्योंकि नागालैंड में तब तक कोविड के इलाज जैसी सुविधाएं नहीं थीं. वह मरीज़ असम में ठीक हो गया और तबसे नागालैंड में कोई पॉज़िटिव केस नहीं है.
तो क्या घर नहीं लौटे प्रवासी?
नागालैंड सरकार ने राज्य को संक्रमण से बचाने के लिए अनोखा तरीका अपनाते हुए घोषणा की थी कि राज्य के जो नागरिक देश के दूसरे राज्यों से महामारी के दौरान नहीं लौटेंगे, उन्हें 10 हज़ार रुपए राज्य एकमुश्त देगा. इस बारे में लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बावजूद करीब 19 हज़ार लोगों ने वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया.
नागालैंड के सामने हैं चुनौतियां
कोहिमा में राज्य की पहली कोविड टेस्टिंग लैब पिछले हफ्ते ही शुरू हुई है. लेकिन राज्य के सामने अब दो बड़े संकट हैं. पहला, लॉकडाउन में ढील के चलते यात्रा प्रतिबंध शिथिल हुए हैं इसलिए राज्य में लोगों के लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है. ऐसे में, टेस्ट ज़्यादा करने की व्यवस्था जल्द करना होगी. दूसरे, ये कि अब राज्य के सामने क्वारंटाइन सुविधाओं को लेकर तैयारी करने में मशक्कत करनी पड़ रही है. खासकर, जो लोग देश के रेड ज़ोन्स से आ रहे हैं, उनके लिए 14 दिनों का क्वारंटाइन अनिवार्य होगा.
सिक्किम में कैसे आया पहला केस?
एक दिन पहले तक भारत का हिमालयी राज्य सिक्किम कोरोना वायरस से पूरी तरह मुक्त था. लेकिन, दिल्ली में पढ़ाई के लिए गए 25 वर्षीय एक छात्र के लौटने के बाद राज्य में पहला केस सामने आया. यह छात्र नई दिल्ली से सिलीगुड़ी तक प्राइवेट बस में आया. उसके बाद इसने सरकारी बस से सिक्किम तक की यात्रा की. सिक्किम के बॉर्डर पर क्वारंटाइन के दौरान इस छात्र में बुखार आदि लक्षण दिखे और बाद में, इसे पॉज़िटिव पाया गया.
क्या है शेष उत्तर पूर्व का आलम?
देश के अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर पूर्वी राज्यों में स्थिति काफी काबू में दिखी. मिज़ोरम और अरुणाचल में सिर्फ एक एक केस सामने आया था और फिलहाल एक्टिव केस कोई नहीं है. 329 केसों के साथ असम इस हिस्से में सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य रहा. वहीं, ताज़ा आंकड़ों के हिसाब से त्रिपुरा में 189, मणिपुर में 29 और मेघालय में कुल कन्फर्म केस 14 पाए गए.

और कौन से राज्य कोरोनामुक्त?
लक्षद्वीप और दमन दीव. इन दोनों ही केंद्रशासित प्रदेशों में अब तक संक्रमण का कोई केस दर्ज न होने की खबरें हैं. लक्षद्वीप समूह के लिए कहा जा रहा है चूंकि भौगोलिक रूप से यह केंद्रशासित प्रदेश अलग थलग स्थित है इसलिए यहां संक्रमण न पहुंचना ताज्जुब की बात नहीं रही. वहीं, दमन दीव की सीमाएं सील होने के कारण यह केंद्रशासित प्रदेश खुद को संक्रमण मुक्त रख सका, जबकि यह संक्रमण के खराब केंद्र बने गुजरात का पड़ोसी है. डेढ़ हफ्ते पहले दमन दीव ई-पास के लिए सुविधा भी दे चुका है.

लैब मिलने के बाद अब नागालैंड के सामने संस्थागत क्वारंटाइन के इंतज़ाम का संकट है. फाइल फोटो.
पहले एक केस आया तो था, लेकिन..?
नागालैंड के सबसे बड़े शहर दीमापुर में अप्रैल में एक व्यापारी को कथित तौर पर कोरोन संक्रमित पाया गया था, लेकिन उसे फौरन 280 किमी दूर गुवाहाटी के मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया था क्योंकि नागालैंड में तब तक कोविड के इलाज जैसी सुविधाएं नहीं थीं. वह मरीज़ असम में ठीक हो गया और तबसे नागालैंड में कोई पॉज़िटिव केस नहीं है.
तो क्या घर नहीं लौटे प्रवासी?
नागालैंड सरकार ने राज्य को संक्रमण से बचाने के लिए अनोखा तरीका अपनाते हुए घोषणा की थी कि राज्य के जो नागरिक देश के दूसरे राज्यों से महामारी के दौरान नहीं लौटेंगे, उन्हें 10 हज़ार रुपए राज्य एकमुश्त देगा. इस बारे में लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बावजूद करीब 19 हज़ार लोगों ने वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया.
नागालैंड के सामने हैं चुनौतियां
कोहिमा में राज्य की पहली कोविड टेस्टिंग लैब पिछले हफ्ते ही शुरू हुई है. लेकिन राज्य के सामने अब दो बड़े संकट हैं. पहला, लॉकडाउन में ढील के चलते यात्रा प्रतिबंध शिथिल हुए हैं इसलिए राज्य में लोगों के लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है. ऐसे में, टेस्ट ज़्यादा करने की व्यवस्था जल्द करना होगी. दूसरे, ये कि अब राज्य के सामने क्वारंटाइन सुविधाओं को लेकर तैयारी करने में मशक्कत करनी पड़ रही है. खासकर, जो लोग देश के रेड ज़ोन्स से आ रहे हैं, उनके लिए 14 दिनों का क्वारंटाइन अनिवार्य होगा.
सिक्किम में कैसे आया पहला केस?
एक दिन पहले तक भारत का हिमालयी राज्य सिक्किम कोरोना वायरस से पूरी तरह मुक्त था. लेकिन, दिल्ली में पढ़ाई के लिए गए 25 वर्षीय एक छात्र के लौटने के बाद राज्य में पहला केस सामने आया. यह छात्र नई दिल्ली से सिलीगुड़ी तक प्राइवेट बस में आया. उसके बाद इसने सरकारी बस से सिक्किम तक की यात्रा की. सिक्किम के बॉर्डर पर क्वारंटाइन के दौरान इस छात्र में बुखार आदि लक्षण दिखे और बाद में, इसे पॉज़िटिव पाया गया.
छात्र के साथ बस में जो 12 अन्य यात्री थे, उन सभी को क्वारंटाइन कर दिया गया है. अब कहा जा रहा है कि राज्य में 15 जून से स्कूल व कॉलेजों को दोबारा खोले जाने की योजना थी, लेकिन प्रवासियों के लौटने से अगर संक्रमण के केस बढ़ते हैं, तो राज्य की सामान्य जनजीवन की योजनाओं को झटका लगेगा ही.
क्या है शेष उत्तर पूर्व का आलम?
देश के अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर पूर्वी राज्यों में स्थिति काफी काबू में दिखी. मिज़ोरम और अरुणाचल में सिर्फ एक एक केस सामने आया था और फिलहाल एक्टिव केस कोई नहीं है. 329 केसों के साथ असम इस हिस्से में सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य रहा. वहीं, ताज़ा आंकड़ों के हिसाब से त्रिपुरा में 189, मणिपुर में 29 और मेघालय में कुल कन्फर्म केस 14 पाए गए.

और कौन से राज्य कोरोनामुक्त?
लक्षद्वीप और दमन दीव. इन दोनों ही केंद्रशासित प्रदेशों में अब तक संक्रमण का कोई केस दर्ज न होने की खबरें हैं. लक्षद्वीप समूह के लिए कहा जा रहा है चूंकि भौगोलिक रूप से यह केंद्रशासित प्रदेश अलग थलग स्थित है इसलिए यहां संक्रमण न पहुंचना ताज्जुब की बात नहीं रही. वहीं, दमन दीव की सीमाएं सील होने के कारण यह केंद्रशासित प्रदेश खुद को संक्रमण मुक्त रख सका, जबकि यह संक्रमण के खराब केंद्र बने गुजरात का पड़ोसी है. डेढ़ हफ्ते पहले दमन दीव ई-पास के लिए सुविधा भी दे चुका है.
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