पीएम किसान स्कीम- ज्यादा किसानों को 6000 रुपये देने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम
कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 18 मई तक कुल लाभार्थियों (Farmers) की संख्या 9.65 करोड़ हो गई है. हालांकि, सरकार ने देश के सभी 14.5 करोड़ किसान परिवारों को खेती-किसानी के लिए सालाना 6-6 हजार रुपये देने का ऐलान किया है.

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi-PMKISAN) के तहत लाभ पाने वाले किसानों की संख्या 10 करोड़ पहुंचने वाली है. कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 18 मई तक कुल लाभार्थियों की संख्या 9.65 करोड़ हो गई है. हालांकि, सरकार ने देश के सभी 14.5 करोड़ किसान परिवारों को खेती-किसानी के लिए सालाना 6-6 हजार रुपये देने का ऐलान किया है. लेकिन स्कीम शुरू होने के 17 महीने बाद भी इसका 100 फीसदी कवरेज नहीं हो सका है.
सरकार ने तेज किया वेरीफिकेशन -सभी अन्नदाताओं तक स्कीम का लाभ पहुंचे, इसके लिए सरकार ने जिला स्तर पर वेरीफिकेशन की प्रकिया को और तेज करने को कहा है. आधार, पैन और बैंक अकाउंट नंबर का वेरीफिकेशन न होने के कारण करीब सवा करोड़ लोगों के आवेदन पेंडिंग बताए जाते हैं. कुछ जिले तो ऐसे हैं जहां पर सवा-सवा लाख किसान वेरीफिेशन के लिए भटक रहे हैं.
कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब 11 करोड़ लाभार्थी हो जाएंगे.मालूम हो कि सरकार ने 2018-2019 में इसके लिए 75 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा था लेकिन लाभार्थियों के अभाव में सिर्फ 54 हजार करोड़ ही खर्च हुए. संख्या बढ़ाने के लिए सरकार ने अब किसानों को खुद रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा भी दे दी है, फिर भी उतने लाभार्थी नहीं आए हैं जितने की उम्मीद थी.
किसानों की रकम 6000 से बढ़ाकर सालाना 24 हजार की जाए-किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह कहते हैं कि जिस वक्त चुनाव रहता है. सरकार सारे बैरियर तोड़कर किसानों का रजिस्ट्रेशन शुरू कर देती है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही शर्त भी लग जाती है और रजिस्ट्रेशन का काम भी स्लो हो जाता है. मैं चाहता हूं कि किसी गलत आदमी को इस स्कीम का लाभ न मिले, लेकिन, जिसका भी वेरीफिकेशन हो जाए उसे स्कीम की शुरुआत से ही पैसा मिले. इससे जल्द से जल्द सभी किसानों को लाभ मिल जाएगा. साथ ही इसकी रकम 6000 से बढ़ाकर सालाना 24 हजार की जाए.
सरकार ने तेज किया वेरीफिकेशन -सभी अन्नदाताओं तक स्कीम का लाभ पहुंचे, इसके लिए सरकार ने जिला स्तर पर वेरीफिकेशन की प्रकिया को और तेज करने को कहा है. आधार, पैन और बैंक अकाउंट नंबर का वेरीफिकेशन न होने के कारण करीब सवा करोड़ लोगों के आवेदन पेंडिंग बताए जाते हैं. कुछ जिले तो ऐसे हैं जहां पर सवा-सवा लाख किसान वेरीफिेशन के लिए भटक रहे हैं.
कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब 11 करोड़ लाभार्थी हो जाएंगे.मालूम हो कि सरकार ने 2018-2019 में इसके लिए 75 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा था लेकिन लाभार्थियों के अभाव में सिर्फ 54 हजार करोड़ ही खर्च हुए. संख्या बढ़ाने के लिए सरकार ने अब किसानों को खुद रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा भी दे दी है, फिर भी उतने लाभार्थी नहीं आए हैं जितने की उम्मीद थी.

आखिर सभी किसानों को क्यों नहीं मिला इस योजना का पूरा लाभ
किसानों की रकम 6000 से बढ़ाकर सालाना 24 हजार की जाए-किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह कहते हैं कि जिस वक्त चुनाव रहता है. सरकार सारे बैरियर तोड़कर किसानों का रजिस्ट्रेशन शुरू कर देती है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही शर्त भी लग जाती है और रजिस्ट्रेशन का काम भी स्लो हो जाता है. मैं चाहता हूं कि किसी गलत आदमी को इस स्कीम का लाभ न मिले, लेकिन, जिसका भी वेरीफिकेशन हो जाए उसे स्कीम की शुरुआत से ही पैसा मिले. इससे जल्द से जल्द सभी किसानों को लाभ मिल जाएगा. साथ ही इसकी रकम 6000 से बढ़ाकर सालाना 24 हजार की जाए.
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