कोरोना का असर- इन दो कंपनियों ने 500 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाला
बेंगलुरू के स्टार्टअप लिवस्पेस (Livespace) ने 15 प्रतिशत कर्मचारियों यानी 450 लोगों की छंटनी की है. रिको ऑटो इंडस्ट्रीज (Rico Auto Industries) ने हरियाणा के धारूहेड़ा संयंत्र के 119 स्थायी कर्मचारियों को 22 मई को नौकरी से निकाल दिया.
नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) और इसकी रोकथाम के लिये लॉकडाउन (Lockdown) के कारण कारोबार प्रभावित होने से कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी करनी शुरू कर दी हैं. बेंगलुरू के स्टार्टअप लिवस्पेस (Livespace) ने 15 प्रतिशत कर्मचारियों यानी 450 लोगों की छंटनी की है. कंपनी ने यह निर्णय पिछले सप्ताह ही ले लिया था. वहीं, वाहनों के कल पुर्जे बनाने वाली रिको ऑटो इंडस्ट्रीज (Rico Auto Industries) ने हरियाणा के धारूहेड़ा संयंत्र के 119 स्थायी कर्मचारियों को 22 मई को नौकरी से निकाल दिया.
अप्रैल में फाउंडर ने वार्षिक वेतन छोड़ा था
लिवस्पेस की स्थापना रमाकांत शर्मा और अनुज श्रीवास्तव ने 2015 में की थी. यह कंपनी मकान मालिकों, प्रमाणित डिजायनरों और संबंधित सामानों के विक्रेताओं को साझा डिजिटल मंच मुहैया कराती है. कंपनी ने एक बयान में कहा, कोविड-19 महामारी के कारण आवश्यक सामग्रियों को छोड़ शेष सभी श्रेणियों में लोगों का व्यय कम हुआ है. प्रत्येक व्यवसाय की तरह लिवस्पेस ने भी व्यापार पर अचानक और अप्रत्याशित प्रभाव का अनुभव किया है.
इससे पहले अप्रैल में, इसके संस्थापकों ने अपना वार्षिक वेतन छोड़ दिया था. लिवस्पेस ने कहा, इस फैसले के कारण लगभग 15 प्रतिशत यानी 450 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं. ईमानदारी से कहें तो यह हमारे लिये अंतिम उपाय था.
रिको ऑटो ने 119 स्थायी कर्मचारियों को निकाला
रिको ऑटो इंडस्ट्रीज ने हरियाणा के धारूहेड़ा संयंत्र के 119 स्थायी कर्मचारियों को 22 मई को नौकरी से निकाल दिया. कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि व्यावसायिक मांग के अनुसार कार्यबल को युक्ति संगत बनाने के लिए धारूहेड़ा संयंत्र में स्थायी कर्मचारियों के लिए अक्टूबर 2019 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पेश की थी. हालांकि 208 में से केवल 42 ने ही वीआरएस योजना पेश की थी. लेकिन संयंत्र को चलाते रखने के लिए कंपनी को अपने कार्यबल में और कमी करने की जरूरत है. इसलिए कंपनी ने 119 और कर्मचारी हटा दिए हैं.
कंपनी ने कहा कि इन सभी कर्मचारियों को औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 की धारा-25सी के तहत मुआवजे का भुगतान किया जाएगा. रिको विभिन्न दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए कलपुर्जों की आपूर्ति करती है.
अप्रैल में फाउंडर ने वार्षिक वेतन छोड़ा था
लिवस्पेस की स्थापना रमाकांत शर्मा और अनुज श्रीवास्तव ने 2015 में की थी. यह कंपनी मकान मालिकों, प्रमाणित डिजायनरों और संबंधित सामानों के विक्रेताओं को साझा डिजिटल मंच मुहैया कराती है. कंपनी ने एक बयान में कहा, कोविड-19 महामारी के कारण आवश्यक सामग्रियों को छोड़ शेष सभी श्रेणियों में लोगों का व्यय कम हुआ है. प्रत्येक व्यवसाय की तरह लिवस्पेस ने भी व्यापार पर अचानक और अप्रत्याशित प्रभाव का अनुभव किया है.
इससे पहले अप्रैल में, इसके संस्थापकों ने अपना वार्षिक वेतन छोड़ दिया था. लिवस्पेस ने कहा, इस फैसले के कारण लगभग 15 प्रतिशत यानी 450 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं. ईमानदारी से कहें तो यह हमारे लिये अंतिम उपाय था.
रिको ऑटो ने 119 स्थायी कर्मचारियों को निकाला
रिको ऑटो इंडस्ट्रीज ने हरियाणा के धारूहेड़ा संयंत्र के 119 स्थायी कर्मचारियों को 22 मई को नौकरी से निकाल दिया. कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि व्यावसायिक मांग के अनुसार कार्यबल को युक्ति संगत बनाने के लिए धारूहेड़ा संयंत्र में स्थायी कर्मचारियों के लिए अक्टूबर 2019 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पेश की थी. हालांकि 208 में से केवल 42 ने ही वीआरएस योजना पेश की थी. लेकिन संयंत्र को चलाते रखने के लिए कंपनी को अपने कार्यबल में और कमी करने की जरूरत है. इसलिए कंपनी ने 119 और कर्मचारी हटा दिए हैं.
कंपनी ने कहा कि इन सभी कर्मचारियों को औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 की धारा-25सी के तहत मुआवजे का भुगतान किया जाएगा. रिको विभिन्न दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए कलपुर्जों की आपूर्ति करती है.
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